अभिनेत्री रान्या राव की बढ़ी मुश्किलें, DRI ने हाईकोर्ट को बताया- आरोपियों के बीच संबंध
सोना तस्करी से जुड़े मामले में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रान्या और राजू की जमानत पर सुनवाई के दौरान डीआरआई ने कर्नाटक हाईकोर्ट के सामने फॉरेंसिक साक्ष्य के आधार पर आरोपियों के बीच संबंध स्थापित किए। डीआरआई ने हाईकोर्ट को बताया कि रान्या के फोन और लैपटॉप से पता चला है कि उसका संबंध अमेरिकी नागरिक तरुण कोंडुरु राजू और बेल्लारी के जौहरी साहिल सकारिया जय के साथ है।

बेंगलुरु (आरएनआई) राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया कि सोना तस्करी मामले में कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव उर्फ हर्षवर्धनी रान्या के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की गई, जिससे पता चला है कि रान्या का संबंध अमेरिकी नागरिक तरुण कोंडुरु राजू और बेल्लारी के जौहरी साहिल सकारिया जय के साथ है।
रान्या और राजू की जमानत पर सुनवाई के दौरान, डीआरआई ने हाईकोर्ट को बताया कि अभिनेत्री के फोन और लैपटॉप के फॉरेंसिक विश्लेषण से तीनों आरोपियों के बीच संबंध स्थापित करने वाले महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। डीआरआई ने हाईकोर्ट से कुछ और सबूत सीलबंद लिफाफे में देने की अनुमति मांगी। साथ ही कहा कि इसके लिए उसे थोड़ा और समय दिया जाए।
DRI ने अदालत को बताया कि रान्या और राजू कई बार एक साथ दुबई गए और एक ही दिन बंगलूरू लौटे- ऐसा कम से कम 25 बार हुआ। जांचकर्ताओं का आरोप है कि दुबई में राजू ने रान्या को सोना दिया। जबकि, उनके फ्लाइट टिकट में गंतव्य जिनेवा के रूप में दिखाया गया था, ताकि संदेह न हो। इसके बाद दोनों बंगलूरू लौट आए।
DRI के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि यात्राओं का भुगतान क्रेडिट कार्ड से किया गया था। रान्या की शादी के बाद, राजू के खाते में नकद जमा करके ये भुगतान किए गए थे। वकील ने ये भी आरोप लगाया कि तीसरा आरोपी साहिल जैन बंगलूरू में तस्करी का सोना प्राप्त करता था और उसे बेचने का काम करता था।
अभिनेत्री राव के वकील ने डीआरआई के इस दावे का विरोध किया कि रान्या भाग सकती है। रान्या के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि वह 30 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुकी हैं। उनके पास दुबई का वैध निवास और गोल्डन वीजा है। रान्या वहां बिजनेस चलाती हैं। साथ ही वकील ने यह भी बताया कि वह पहली बार किसी अपराध में फंसी हैं।
जब यह मुद्दा उठा कि रान्या को हवाई अड्डे पर विशेष सुविधा कैसे मिली, तो वकील ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उनके सौतेले पिता रामचंद्र पुलिस महानिदेशक हैं। हाईकोर्ट ने दस्तावेजों में विसंगतियों को देखते हुए चिंता जताई, जहां पहले के आवेदनों में उनके पिता का नाम कब्बीनहल्ली सिद्दे गौड़ा बताया गया था। न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि आमतौर पर वरिष्ठ अधिकारियों के रिश्तेदारों को भी एयरपोर्ट पर विशेष सुविधा नहीं दी जाती, जिससे विशेषाधिकार संबंधी सवाल उठते हैं।
इस बीच, राजू के वकील ने तर्क दिया कि दुबई व्यक्तियों को कानूनी रूप से सोना खरीदने की अनुमति देता है, इसलिए भारत पहुंचने पर सीमा शुल्क का भुगतान न किए जाने पर उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। वकील ने कहा कि सोना प्राप्त करने के बाद रान्या राव की गतिविधियों पर उनके मुवक्किल राजू का कोई नियंत्रण नहीं था।
न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी ने जमानत याचिकाओं पर आगे की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी, जिससे डीआरआई को अतिरिक्त सामग्री दाखिल करने का समय मिल गया। यह मामला 3 मार्च, 2025 को सामने आया, जब राव को दुबई से कथित तौर पर तस्करी करके लाए गए 14.8 किलोग्राम सोने के साथ बंगलूरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






