अब मैन्यूअल नहीं सॉफ्टवेयर से लगेगी रोडवेज बसों में ड्राइवर-कंडक्टर की ड्यूटी
मनचाहे रूट पर पैसे देकर रोडवेज बसों में ड्यूटी लगवाने का खेल अब खत्म होगा। यूपी रोडवेज की बसों में ड्राइवर और कंडक्टर की ड्यूटी अब साफ्टवेयर से लगेगी।
लखनऊ (आरएनआई) ड्राइवर व कंडक्टरों की ड्यूटी लगाने में पेश आने वाली समस्याएं अब दूर हो जाएंगी। ड्यूटी समय से लगने पर बसों को भी समय से रवाना किया जाएगा और बसें लेट नहीं होंगी। रोडवेज प्रशासन ने ड्राइवरों व कंडक्टरों की ड्यूटी सॉफ्टवेयर से लगाने की योजना बनाई। इसके तहत एक महीने तक ट्रायल किया गया। ट्रायल में 60 फीसदी ड्यूटी लगाने में सफलता मिली है। जबकि 40 प्रतिशत डिपो स्तर में दिक्कतें आईं, जिसके पीछे डिपो स्तर पर लारवाही का बरता जाना सामने आया है।
इस पर प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने चिंता जताई तथा अब शतप्रतिशत ड्यूटी सॉफ्टवेयर के जरिए लगाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में रोडवेज के एमआईएस प्रबंधक अमरनाथ सहाय की ओर से प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को चिट्ठी भेजकर शतप्रतिशत ड्यूटी साफ्टवेयर से लगाने के निर्देश दिए गए हैं। रोडवेज अफसरों ने बताया कि बस ड्यूटी लगाने में डिपो इंचार्ज की भूमिका खत्म हो जाएगी। सॉफ्टवेयर में दर्ज ड्राइवर व कंडक्टरों एवं बसों की संख्या के आधार पर रोस्टर के तहत आटोमेटिक ड्यूटी लग जाएगी। इसका मैसेज ड्राइवर व कंडक्टर के मोबाइल पर पहुंच जाएगा। इससे डिपो से निकलने वाली बसें लेटलतीफी की शिकार नहीं होंगी। ड्यूटी लगाने के फेर में आए दिन बसें डिपो से देरी से निकलती थीं और देरी से बस अड्डे पर पहुंचती थी। इससे यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता था।
बस डिपो में ड्राइवर व कंडक्टरों की ड्यूटी लगाने के एवज में पैसों की वसूली होती थी। यह खेल वर्षों से चलता आ रहा था। नई बसों में, पुरानी बसों में और एसी बसों में ड्यूटी के रेट अलग-अलग थे। ड्राइवर व कंडक्टरों ने इसकी शिकायत निगम प्रबंधन से कई बार की, जिसके बाद ही ड्यूटी साफ्टवेयर बनाया गया। इससे यह समस्या खत्म हो जाएगी।
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