अब ब्राजील में मिल सकते हैं मोदी-जिनपिंग; LAC पर तनाव कम होने से संबंधों में बेहतरी पर जोर
चीन जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात का इच्छुक है। मुलाकात की संभावना तलाशने के लिए इससे जुड़ी तैयारियां की जा रही हैं। अगर मुलाकात हुई तो दोनों देश पर्यावरण, वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर बातचीत करेंगे।
नई दिल्ली (आरएनआई) रूस में ब्रिक्स की बैठक के एक महीने से भी कम अंतराल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जी-20 शिखर सम्मेलन में एक और मुलाकात हो सकती है। गलवां घाटी संघर्ष की आंच धीमी होने के कारण वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच बेहतर समन्वय के बीच यह मुलाकात अहम साबित हो सकती है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि दोनों ही ओर से शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की संभावना तलाशी जा रही है।
सरकारी सूत्र ने कहा कि फिलहाल चीन जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात का इच्छुक है। मुलाकात की संभावना तलाशने के लिए इससे जुड़ी तैयारियां की जा रही हैं। अगर मुलाकात हुई तो दोनों देश पर्यावरण, वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर बातचीत करेंगे। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार चर्चा के केंद्र में रह सकता है। चूंकि इस बीच अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद नए साल में पूरी दुनिया में नया परिदृश्य पैदा होगा, यूक्रेन युद्ध को ले कर भी नई स्थिति पैदा हो सकती है। इन परिस्थितियों में जिनपिंग-मोदी की मुलाकात बेहद अहम साबित हो सकती है।
दरअसल चुनाव जीतने वाले ट्रंप का चीन, पाकिस्तान और एशिया के संदर्भ में वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन से अलग नजरिया रहा है। ट्रंप यूक्रेन युद्ध को ले कर भी अलग नजरिया रखते हैं। ऐसे में ट्रंप की जीत के बाद अमेरिका का रूस से रिश्ता बेहतर होने और चीन के प्रति आक्रामक रुख अपनाने की अधिक संभावना है। पूर्ववर्ती ट्रंप सरकार चीन पर नकेल डालने के लिए भारत के पक्ष में खड़ा रहने का पक्षधर रहा है। ऐसे में नई परिस्थितियों में मोदी-जिनपिंग की संभावित मुलाकात को ले कर कूटनीतिक हलचल स्वाभाविक है।
जी-20 सम्मेलन के इतर मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात होगी। चूंकि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ है और जनवरी में बाइडन की जगह डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की कमान संभालेंगे, ऐसे में इस द्विपक्षीय मुलाकात के संदर्भ में कोई खास कूटनीतिक हलचल नहीं है। सरकारी सूत्र का कहना है कि कई अहम मुद्दों पर ट्रंप का बाइडन के इतर रुख रहा है, इसलिए कोई भी देश किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए नई सरकार के आने का इंतजार करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 नवंबर को नाइजीरिया के दौरे पर रहेंगे। आर्थिक संबंध सचिव दम्मू रवि ने एक बयान में कहा कि भारत की ओर से यह यात्रा 17 साल के अंतराल के बाद हो रही है। उन्होंने कहा, नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के निमंत्रण पर पीएम मोदी नाइजीरिया का दौरा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री की पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र की पहली यात्रा। पिछली यात्रा अक्तूबर 2007 में मनमोहन सिंह ने की थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी स्थापित हुई थी। उन्होंने बताया कि नाइजीरियाई राष्ट्रपति टीनूबू ने पिछले साल सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया था।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में 17 नवंबर को राष्ट्रपति विला में उनका स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वह राष्ट्रपति टीनूबू के साथ अकेले में बैठक करेंगे और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों और इसके सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?