अफ्रीका के लिए पीएम मोदी के इस प्रस्ताव की अमेरिकी गायिका ने की तारीफ
अफ्रीकी-अमेरिकी हॉलीवुड अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी की सराहना की। साथ ही कहा कि अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती है। ऐसे में अमेरिका को भी इस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
वाशिंगटन। (आरएनआई) अफ्रीकन की समस्याओं को वैश्विक पटल पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही बड़ा फैसला लिया है। पीएम मोदी ने जी-20 देशों के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में उन्होंने कहा कि अफ्रीकी यूनियन को जी-20 की स्थाई सदस्यता दे सकते हैं। उनके इस कदम की हर कोई चर्चा कर रहा है। इस बीच, अफ्रीकी-अमेरिकी हॉलीवुड अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने भी इस कदम के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की है।
पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था कि अफ्रीका भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और यह वैश्विक मामलों में उन लोगों को शामिल करने के लिए काम करता है, जिन्हें लगता है कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी की आवाज सुने बिना विश्व में भविष्य की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती। जी-20 के सालभर चलने वाले कार्यक्रमों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हैं। हम जी-20 की अध्यक्षता के बाद भी इसमें रचनात्मक योगदान जारी रखेंगे।
पिछले कुछ सालों में भारत वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को उजागर करते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है।
अफ्रीकी संघ को जी-20 के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव की सराहना करती हूं। वैश्विक दक्षिण अब हमारी दुनिया को प्रभावित करने वाली नीतियों को आकार दे सकती है। 41 वर्षीय मिलबेन भारत के राष्ट्रगान और धार्मिक गीत 'ओम जय जगदीश हरे' गाने के लिए भारत में बहुत लोकप्रिय हैं।
अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती है। ऐसे में अमेरिका को भी इस उद्देश्य का समर्थन करना चाहिए, जो यह सुनिश्चित करता है कि दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने में सभी आवाजों का प्रतिनिधित्व हो। मिलबेन ने कहा कि मेरी पैतृक मातृभूमि अफ्रीका आर्थिक क्षमताएं उजागर होने की प्रतीक्षा कर रही हैं। भारत इस वादे को साकार करने में अफ्रीका का दृढ़ भागीदार बनने के लिए तैयार है।
संयुक्त राज्य अमेरिका को भी अफ्रीका में होने वाले विकास का एक बड़ा भागीदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एक प्रयास करेंगे, जहां विकासशील देशों को नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ पानी, पौष्टिक भोजन और किफायती स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुंच हो।
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