अफीम कोठी का नाम साकेत सदन किए जाने पर हिंदू महासभा ने जताया हर्ष
हिंदूवादी नेता मनीष पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष जताया गया था विरोध, प्रेषित किया गया थे पत्र और ईमेल
अयोध्या (आरएनआई)- अफीम कोठी का नाम बदलकर साकेत सदन किए जाने पर हिंदूवादी नेता एवं सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी हिंदू महासभा अधिवक्ता मनीष पांडेय द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई है।
पांडेय द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि एक प्रमुख समाचार पत्र 23 जून के अंक में दिलकुश महल जिसे कालांतर में अंग्रेजों द्वारा अफीम रखे जाने के कारण अफीम कोठी कहा जाने लगा को स्थानीय प्रशासन द्वारा जीरोद्धार करने की बात कही गई थी, और साथ ही साथ अवध के नवाब शुजाउद्दौला की स्मृतियों को सहेजने की भी बातें कही गई थी, उनके द्वारा सर्वप्रथम सोशल मीडिया के माध्यम से किया गया था तत्पश्चात इसका विरोध गोरक्ष पीठाधीश्वर एवं प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज के समक्ष किया गया था।
विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ, मुख्यमंत्री आवास लखनऊ एवं गौ रक्षा पीठ कार्यालय गोरखपुर तथा मुख्यमंत्री महोदय की ईमेल पर विरोध पत्र भेजकर इसका विरोध जताया गया था और कहा गया कि अवध के नवाब शुजाउद्दौला का महल जो कि उस समय दिलकुशा के नाम से बनवाया गया था कालांतर में अंग्रेजों ने इसे अफीम कोठी के नाम से प्रसिद्ध किया।
मुख्यमंत्री महोदय कहना यही है कि शुजाउद्दौला जैसे अय्याश और कायर, व्यभिचारी और चारित्रिक रूप से पतित, नशेड़ी नवाब शुजाउद्दौला के नाम पर उसका महिमामंडन किया जाता है तो यह ठीक वैसे ही होगा जैसे बाबर को अयोध्या में पुनः प्रतिष्ठित करना, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि जनपद अयोध्या में किसी भी ऐसे नवाब का महिमामंडन करते हुए उसे पुनः प्रतिष्ठित करने का कार्य न करें नवाब शुजाजुद्दौला की जितनी भी स्मृतियां हैं उन्हें नष्ट किए जाने की आवश्यकता है ना कि उनका संग्रहालय बनाकर उनकी स्मृतियों को पुनः जीवित कर हिंदू सनातन संस्कृति को चिढ़ाने का कार्य करना ऐसी किसी भी योजना जिसमें नवाब शुजाउद्दौलाला का नाम आ रहा हो उसे बंद करवाने की कृपा करें।
पांडेय द्वारा यह कहा गया है है कि मुख्यमंत्री द्वारा उनके पत्र को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए अफीम कोठी का नाम बदलकर जिस तरहसाकेत सदन कर दिया गया है, वह ना सिर्फ हिंदू समाज की बल्कि हिंदू सनातन संस्कृति की भी जीत है, श्री पांडे ने यह भी कहा है कि उनके द्वारा पिछले 30 वर्षों से हिंदू सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों के लिए संघर्ष किया गया है वर्तमान समय में भी अनेक मुद्दों पर संघर्ष प्रारंभ है वे आशा करते हैं कि उत्तर प्रदेश शासन हिंदू हितों से जुड़े हुए इन मुद्दों को गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेकर शीघ्र निस्तारण करने का प्रयास करेगा।
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