अफसर की ज़िद और पिद्दी नौकरों का बदला: एक नाश्ते पर चली गालियों की बौछार
(सुमन पाण्डेय)
शाहजहांपुर(आरएनआई) (सुमन पाण्डेय) आज सुबह-सुबह जल्दी तैयार होकर जतन अपने लॉन में ब्रेकफास्ट के लिए पहुंचते ही अपनी पत्नी परछाईको आवाज लगाई" अरे जल्दी से नाश्ता भिजवाओ "इससे पहले कि उसके पत्नी कुछ जवाब देती पेशे से अफसरी अंदाज में चिल्लाए अरे वह दोनों दीनू और चिल्लू कहां है पानी क्यों नहीं लाते? पिद्दसे हैं नौकरों जैसा कोई सलीका नहीं फिर टिप्पणी करते हुए पत्नी से बोले इन पिद्दीयोंको नौकरी पर भेजते समय कुछ तो तुम्हारे पुराने ओहदेदार पिताजी सिखाते।गांव से पकड़ा और भेज दिया हमारे पास तभी दीनू और चिल्लू नाश्ते तथा पानी के गिलास की ट्रे लिए चले आ रहे थे पीछे थी अफसरानी जल्दी चल _कहकर झि ड़क रही थी तभी पानी के गिलासों की ट्रे लिए छोटे चिल्लू को ठोकर लगी और वह मय ट्रे के गिर पड़ा फिर क्या था मासूम चिल्ला भी नहीं पाया क दीनू परभी थप्पड़ और गालियों की बौछार होने लगी।
साहब जतन बड़बडाने लगे "इन्हें इतनी भी तमीज नहीं है कि मुझे आज जल्दी बाल श्रम विरोध विषय पर कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में जाना है..... सभी लोग और आयोजक व पब्लिक इंतजार कर रही होगी और इस पिद्दी भर लड़कों के हाथों में दम नहीं पानी ला सकें".... बडबडाते हुए जतन साहब कार की ओर बढ़ चले।
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