अपनों से दूर हुए तो 8 दिन भटके सड़कों पर : रिटायर्ड कस्टम अधिकारी के मिलने पर छलक गए पत्नी के आंसू, वृंदावन में अपना घर आश्रम के संचालकों ने तलाश किया !
वृंदावन। अपना कोई दूर हो जाए तो तकलीफ क्या होती है यह महसूस की कस्टम विभाग के रिटायर्ड अधिकारी के गायब होने पर उनके परिवार ने। 8 दिन तक मथुरा वृंदावन की सड़कों की खाख़ छानी। पति की तलाश में पत्नी मंदिरों में भटक रही थीं तो बेटी ने आश्रम,धर्मशालाओं में तलाशा। पत्नी की गोपाल जी के प्रति भक्ति ही थी कि रिटायर्ड कस्टम अधिकारी को अपना घर आश्रम के संचालकों ने तलाश लिया और सकुशल परिवार के सुपुर्द कर दिया।
वृंदावन दर्शन करने आए थे परिवार के साथ
पंजाब के अमृतसर के रहने वाले कस्टम विभाग में रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर हरी कुमार कौशिक अक्टूबर के लास्ट वीक में मथुरा वृंदावन घूमने आए थे। 65 वर्षीय हरी कौशिक इस्कॉन मंदिर के पास स्थित एक गेस्ट हाउस में रुक गए। यहीं से वह कार्तिक में परिवार के साथ दर्शन जाते और फिर गेस्ट हाउस में आ कर आराम करते।
3 नवंबर को हुए संदिग्ध परिस्थितियों में गायब
वृंदावन में कार्तिक महीने में निवास कर रहे हरी कौशिक का परिवार 3 नवंबर की सुबह दर्शन करने निकला। कमरे पर हरी कौशिक अकेले थे। स्नान आदि कर वह अचानक कमरे से घूमने के लिए निकले जबकि पर्स,डॉक्यूमेंट,मोबाइल आदि कमरे पर ही रह गया। दोपहर को जब परिवार गेस्ट हाउस पहुंचा तो हरी कौशिक वहां नहीं मिले। जिसके बाद परिजनों ने आसपास तलाश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
पति के गायब होने से परेशान हुई पत्नी
पंजाब में पेशे से योगा टीचर हरी कौशिक की पत्नी मधुबाला पति के गायब होने से परेशान हो गईं। उन्होंने 3 नवंबर की शाम तक तलाश किया लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिली तो फिर उन्होंने यूनिडो कंपनी में इंडस्ट्री सलाहकार बेटे नीतीश, डीआरआई में इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर दामाद देवेंद्र भारद्वाज और बेटी गुंजन को इसकी जानकारी दी।
बेटी दामाद सड़कों पर तो पत्नी ने तलाशा मंदिरों में
हरी कौशिक के गायब होने की जानकारी मिलते ही बेटा,बेटी और दामाद वृंदावन आ गए। इसके बाद पोस्टर बनवाए जिनको लेकर सभी सदस्य अलग अलग जगह तलाशने लगे। बेटी दामाद सड़कों पर तलाश रहे थे तो बेटा गेस्ट हाउस,धर्मशालाओं की खाक छान रहा था। पत्नी मधुबाला एक मंदिर से दूसरे मंदिर में अपने पति को तलाश रहीं थी।
अपना घर आश्रम में पहुंचे परिजन
निराश्रित और बेसहारा सड़कों पर घूमने वालों के लिए आश्रय स्थल अपना घर के बारे में हरी कौशिक के परिवार को बताया। जिसके बाद वह 6 नवंबर को अपना घर आश्रम पर पहुंचे लेकिन हरी कौशिक वहां भी नहीं मिले। इसके बाद अपना घर आश्रम के संचालकों ने हरी कौशिक के बारे में सभी जानकारी परिजनों से ले ली।
अपना घर के संचालकों के सोशल मीडिया पर की जानकारी शेयर
परिजनों से जानकारी लेने के बाद अपना घर आश्रम के वित्त सचिव सुधीर शुक्ला ने उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिसके बाद गुरुवार को मथुरा के मंडी चौराहा के निकट रुक्मणि बिहार से प्रवीन अग्रवाल नाम के व्यक्ति का फोन उनके पास आया। फोन कॉल पर मिली जानकारी के बाद सुधीर बताए गए स्थान पर पहुंचे जहां हरी कौशिक घूमते हुए मिल गए। हरी कौशिक के मिलने की जानकारी परिवार को दी गई जिसके बाद परिवार अपना घर आश्रम पहुंच गया।
परिवार को देख हरी कौशिक की आंखों में आए खुशी के आंसू
8 दिन तक अपने परिवार से दूर रह कर मथुरा वृंदावन की सड़कों पर भटके हरी कौशिक कैसे कहां गए उनको कुछ पता नहीं। हरी कौशिक ने बताया कि किसी ने उनको अपने वाहन पर सहारा दिया तो किसी ने खाना खिलाया। हरी कौशिक ने बताया कि वह बार बार परिवार को याद कर सिहर उठते थे लेकिन उनको यह याद नहीं आ रहा था कि वह कहां के हैं और परिवार है कहां। परिवार को जब अपने सामने देखा तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू झलक गए।
पत्नी बोलीं गोपाल जी ने मिलवाया
पति के गायब होने से परेशान पत्नी मधुबाला ने बताया कि उनको 1 नवंबर को वृंदावन में किसी ने लड्डू गोपाल गिफ्ट किए। उनके आने के दो दिन बाद ही पति गायब हो गए। पति को जब तलाश रहे थे तो 8 नवंबर को गोपाल जी पर गुस्सा आया और कहा कि अगर नहीं मिले तो उनको यहीं छोड़कर चली जायेंगी। लेकिन गोपाल जी ने गुस्से में कही उनकी बात को सुन लिया और गुरुवार को पति सकुशल मिल गए।
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