अपने ही देश में फिर घिरे जस्टिन ट्रूडो
पिएरे ने लिखा कि लिबरल्स ने यूक्रेनी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान इस नाजी को हाउस ऑफ कॉमन्स के पटल पर मान्यता देने की व्यवस्था की। यह एक भयावह गलती है।
ओटावा। (आरएनआई) कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत पर आरोप लगाने के बाद से ही लगातार लोगों के निशाने पर हैं। खासकर विपक्षी नेता पिएरे पोलिवरे पीएम जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। अब एक बार फिर जस्टिन ट्रूडो ने कुछ ऐसा कर दिया है कि विपक्ष को उन्हें घेरने का मौका मिल गया है। दरअसल आरोप है कि पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में जर्मनी के तानाशाह हिटलर की सेना में रहे और नाजी विचारधारा को मानने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया। इस दौरान नाजी व्यक्ति का कनाडा की पूरी संसद ने खड़े होकर अभिवादन भी किया। अब इसे लेकर ट्रूडो आलोचनाओं से घिर गए हैं।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए कनाडा के विपक्षी नेता पिएरे पोलिवरे ने लिखा कि 'यह पता चला है कि जस्टिन ट्रूडो ने एक नाजी डिवीजन 14वें वेफेन ग्रेनेडियर के एक अनुभवी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित भी किया। पिएरे ने लिखा कि लिबरल्स ने यूक्रेनी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान इस नाजी को हाउस ऑफ कॉमन्स के पटल पर मान्यता देने की व्यवस्था की। यह एक भयावह गलती है। जस्टिन ट्रूडो का प्रोटोकॉल ऑफिस ही सभी मेहमानों की व्यवस्था और जांच के लिए जिम्मेदार होता है।
पिएरे ने सवाल उठाते हुए कहा कि 'हाउस ऑफ कॉमन्स में बुलाए जाने और सम्मानित किए जाने से पहले क्या किसी भी सांसद को इस व्यक्ति के अतीत की जांच करने का मौका नहीं मिला? इसके लिए जस्टिन ट्रूडो को व्यक्तिगत रूप से माफी मांगनी चाहिए और दूसरों पर इसका दोष मढ़ने से बचना चाहिए, जैसा कि वह हमेशा करते हैं।
भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद में भी पिएरे पोलिवरे ने जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की थी। पिएरे ने जस्टिन ट्रूडो पर भारत पर लगाए आरोपों के लिए कोई ठोस सबूत पेश ना करने पर निशाना साधा था। साथ ही कनाडा में रहने वाले हिंदू समुदाय के प्रति समर्थन जताया था। बता दें कि भारत कनाडा विवाद के चलते जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में कमी आई है, वहीं पिएरे पोलिवरे की लोकप्रियता में उछाल देखा गया है।
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