"अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस" के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

Mar 6, 2023 - 22:57
 0  729
"अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस" के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
"अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस" के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

मथुरा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ व माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा के निर्देशानुसार अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिनांक 04.03.2023 से 11.03.2023 तक आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अंतर्गत आज दिनांक 06.03.2023 को जिला कारागार, मथुरा स्थित महिला बैरक में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती नीरू शर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक श्री बृजेश कुमार, जेलर श्री महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर सुश्री करूणेश कुमारी, श्रीमती शिवानी यादव व श्री अनूप कुमार, जेल चिकित्साधिकारी डा० उपेन्द्र सोलंकी, डा० स्वाती जाड़िया, रिसोर्स पर्सन के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री साहब सिंह देशवार व सदस्या, स्थायी लोक अदालत सुश्री प्रतिभा शर्मा सहित जेल बंदीगण उपस्थित रहे।

विधिक साक्षरता शिविर का संचालन डिप्टी जेलर सुश्री करूणेश कुमारी द्वारा करते हुए लैंगिक समानता व क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर विचार व्यक्त किये गये। डिप्टी जेलर श्रीमती शिवानी यादव द्वारा महिलाओं का नौकरी व घरेलू जिंदगी में तालमेल व गृहशांति में अहम भूमिका पर प्रकाश डाला गया। जेल बार्डन श्रीमती लता द्वारा महिलाओं को जीवन में किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, से अवगत कराया गया। डा० स्वाति जाड़िया द्वारा महिलाओं का आत्मसम्मान व महिला एकता पर चर्चा की गई।

रिसोर्स पर्सन सुश्री प्रतिभा शर्मा द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक महिला सारे रिश्तों को एक माला में पिरोकर रखती है और महिलाओं का योगदान किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कहीं ज्यादा ही होता है। वो घर को संभालती है और आफिस की जिम्मेदारी भी निभाती हैं। यही नहीं देश की तरक्की में भी महिला मुख्य भूमिका निभाती है। सुश्री प्रतिभा शर्मा द्वारा इस अवसर पर उपस्थित महिला बंदियों को नारी का शोषण, मातृत्व लाभ अधिनियम आदि पर विस्तृत जानकारी दी गई।

रिसोर्स पर्सन श्री साहब सिंह देशवार, एडवोकेट द्वारा बताया गया कि महिलायें समाज की आधी आबादी हैं और समाज के निर्माण में सशक्त भूमिका निभाती हैं, फिर भी उन्हें वह दर्जा नहीं मिल पाता जिसकी वो हकदार हैं। महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को दूर करके समाज में उन्हें बराबरी का हक दिलाने के उद्देश्य से हर साल 08 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा महिला दिवस का मकसद महिलाओं को उनके हक के प्रति जागरूक करना भी है। श्री साहब सिंह देशवार द्वारा उपस्थित महिला बंदियों को मात्रशक्ति, महिला सशक्तिकरण, अपराधों से बचने के सुझाव, सुलह के आधार पर मामलों को सुलझाने हेतु प्रेरणा, महिला विरुद्ध अपराधों का परिचय, बाल विवाह, घरेलू हिंसा अधिनियम आदि विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्रीमती नीरू शर्मा द्वारा उपस्थित महिला बंदियों को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अवगत कराया गया कि दुनिया में महिलायें हर क्षेत्र में पुरूषों से आगे हैं। देश ही नहीं विदेशों तक नाम रोशन करने वाली महिलायें निश्चित ही सम्मान के काबिल हैं। जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते हैं। एक समय था जब महिलाओं की भूमिका सिर्फ घर के अंदर तक सीमित थी। लेकिन आज के समय में महिलायें कामकाजी हैं और हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार महिलाओं को पुरूषों के समान वेतन पाने का अधिकार दिया गया है। वेतन या मजदूरी के आधार पर महिलाओं के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता। आज के समय में ज्यादातर महिलायें कामकाजी हैं, ऐसे में कामकाजी महिलाओं को मातृत्व सम्बंधी कुछ अधिकार दिये गये हैं। मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत महिला को प्रसव के बाद छः माह तक महिला के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती और वो फिर से काम शुरू कर सकती है। महिला ने यदि खुद कोई सम्पत्ति अर्जित की है तो कानूनन उसे ये अधिकार है कि वो जब चाहे अपनी सम्पत्ति को बेच सकती है या अगर किसी के नाम करना चाहे तो कर सकती है। उसके फैसले में दखल देने का अधिकार किसी को भी नहीं है। महिला चाहे तो उस सम्पत्ति से बच्चों को बेदखल भी कर सकती है। घर में रह रही कोई भी महिला जैसे माँ या बहन आदि को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए घरेलू हिंसा कानून बनाया गया है। अगर किसी महिला के साथ उसका पति अथवा अन्य कोई पारिवारिक सदस्य घरेलू हिंसा करता है तो महिला या उसकी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके अलावा कामकाजी महिलाओं को वर्कप्लेस पर हुए यौन उत्पीड़न को लेकर शिकायत दर्ज कराने का हक है। दुष्कर्म की पीड़िता महिला को निशुल्क कानूनी मदद पाने का अधिकार दिया गया है। श्रीमती नीरू शर्मा द्वारा महिला सशक्तिकरण, निशुल्क विधिक सहायता, लोक अदालतें आदि पर विस्तृत रूप से बताया गया ।

कार्यक्रम के अंत में जेल अधीक्षक श्री बृजेश कुमार द्वारा महिलाओं के स्वरूपों का परिचय, लैंगिक समानता, महिलाओं की सरकारी क्षेत्र में जिम्मेदारी पर अवगत कराया गया तथा इस आयोजन हेतु आभार व्यक्त किया गया व सभी उपस्थित महिलाओं व अतिथियों को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.