अनेकानेक सद्गुणों की खान थीं माता आनंद सरस्वती : स्वामी ब्रजानंद सरस्वती
वृन्दावन।हरिवंश नगर स्थित आनंद भवन में ब्रह्मलीन माता आनंद सरस्वती महाराज के अष्ट-दिवसीय प्रथम पुण्यतिथि महोत्सव के अंतर्गत महंत स्वामी ब्रजानंद सरस्वती महाराज के पावन सानिध्य में चल रही श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में प्रख्यात भागवताचार्य पंडित प्रियांशु भारद्वाज महाराज ने श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए कहा कि कलयुग में मानव कल्याण के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण से बड़ा अन्य कोई ग्रंथ नहीं है।इस ग्रंथ का श्रवण, वाचन एवं अध्ययन तीनों ही कल्याणकारी हैं।इसकी शरण लेने वाले व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है।साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
महंत स्वामी ब्रजानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हमारी सदगुरुदेव ब्रह्मलीन माता आनंद सरस्वती महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान थीं।यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारा कल्याण हो सकता है।
पुराणाचार्य डॉ. मनोजमोहन शास्त्री व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि संत शिरोमणि माता आनंद सरस्वती महाराज विलक्षण व चमत्कारी संत थीं।उन्होंने अपनी साधना के बल से अनेकों व्यक्तियों का कल्याण कर उन्हें प्रभु भक्ति के मार्ग से जोड़ा।उन जैसी पुण्यात्माओं का तो अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।
इस अवसर पर निर्मल अखाड़े के प्रमुख संत स्वामी सुबोधानंद महाराज,भागवताचार्य विपिन बापू महाराज, स्वामी गंगानंद महाराज (कोतवाल),वरिष्ठ पत्रकार योगेश शर्मा,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,श्रीमती सुजैन आनंद, पंडित अमित दीक्षित, मुख्य यजमान शिवकुमार (दिल्ली), मनु सच्चर (कनाडा),संदीप उपाध्याय,विनय दीक्षित आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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