अदालत ने सिसोदिया की जमानत वाली याचिका पर जांच एजेंसियों को भेजा नोटिस
सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की जमानत की शर्तों पर छूट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर इसपर प्रतिक्रिया मांगी। शीर्ष अदालत ने नौ अगस्त को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को जमानत दे दी थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। शीर्ष अदालत की शर्तों के अनुसार, उन्हें प्रत्येक सप्ताह सोमवार और गुरुवार को सुबह के 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी को रिपोर्ट करना होगा।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने बताया कि आप नेता जांच अधिकारियों के सामने 60 बार पेश हुए। सिसोदिया की तरफ से वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा, "मैं (सिसोदिया) एक सम्मानित व्यक्ति हूं।" उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत ने मामले में अन्य आरोपियों पर भी ऐसी ही शर्त लगाई थी। वकील ने आगे कहा, "ईडी ने अन्य आरोपियों पर अनापत्ति जताई है।" इसपर पीठ ने कहा, "हम अगली तारीख पर इसे स्पष्ट करेंगे।" बता दें कि आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को सीबीआई और ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था।
सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा। उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
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