अदालत ने सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को 21 फरवरी तक हिरासत में भेजा, बैंक से पैसे की निकासी बंद
पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मेहता और मामले के एक अन्य आरोपी धर्मेश पौन को अदालत में पेश किया। अदालत ने मामले की आगे की जांच के लिए उन्हें 21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

मुंबई (आरएनआई) मुंबई की एक अदालत ने रविवार को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता को बैंक से 122 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में 21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले शनिवार को पुलिस ने हितेश को कई घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मेहता और मामले के एक अन्य आरोपी धर्मेश पौन को अदालत में पेश किया। अदालत ने मामले की आगे की जांच के लिए उन्हें 21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। बता दें कि धर्मेश पौन एक डेवलेपर है।
बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस थाने में मेहता और अन्य के खिलाफ बैंक के धन के कथित दुरुपयोग के सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर, पुलिस ने शनिवार तड़के मामला दर्ज किया और जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मेहता और उसके सहयोगियों ने साजिश रची और बैंक की प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं की तिजोरियों से 122 करोड़ रुपये का गबन किया। भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सहकारी बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर दिया और इसके कामकाज के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया। इससे एक दिन पहले, इसने बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से उत्पन्न चिंताओं का हवाला देते हुए जमाकर्ताओं द्वारा धन निकालने सहित ऋणदाता पर कई प्रतिबंध लगा दिए।
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