अदालत ने विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया को एशियाई खेलों में ट्रायल से छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का संचालन करने वाली तदर्थ समिति से पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने का आधार बताने को कहा।
नयी दिल्ली, 20 जुलाई 2023, (आरएनआई)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का संचालन करने वाली तदर्थ समिति से पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने का आधार बताने को कहा।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने फोगाट और पुनिया को सीधे प्रवेश के खिलाफ अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल की याचिका पर सुनवाई करते हुए खेल निकाय को दिन के दौरान अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
न्यायाधीश ने मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘अगर यह (चयन का आधार) उचित और निष्पक्ष तरीका है, तो मामला यहीं खत्म हो जाता है।’’
अदालत ने यह भी कहा कि चयनित खिलाड़ियों द्वारा जीते गए दो पुरस्कार भी पेश किए जाएं।
सुनवाई के दौरान अदालत ने तदर्थ डब्ल्यूएफआई समिति की ओर से पेश हुए वकील को यह बताने को कहा कि फोगाट और पुनिया के अच्छे खिलाड़ी होने के अलावा चयन का आधार क्या था क्योंकि खिलाड़ियों का ‘‘पूरा मामला’’ यही है कि ‘‘कोई ट्रायल’’ जरूर होना चाहिए।
अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं ने दोनों पहलवानों की योग्यता पर संदेह नहीं जताया जिनका आपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयन किया है… लेकिन वे यह कह रहे हैं कि पूर्व का प्रदर्शन उनके चयन का एकमात्र आधार नहीं हो सकता।’’
अदालत ने कहा, ‘‘वे अच्छे खिलाड़ी हैं, इस तथ्य के अलावा उनके चयन का आधार क्या है? क्या आपने किसी चयन प्रक्रिया का पालन किया है?’’
केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को सूचित किया कि चयन नीति स्वयं कुछ निश्चित श्रेणी के खिलाड़ियों को छूट प्रदान करती है।
डब्ल्यूएफआई के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी भारवर्ग श्रेणी में चयन ट्रायल आवश्यक है। हालांकि चयन समिति को मुख्य कोच/विदेशी विशेषज्ञ की अनुशंसा के आधार पर बिना ट्रायल के ओलंपिक/विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों का चयन करने का विवेकाधिकार होगा बशर्ते इसका सिफारिश मुख्य कोच या विदेशी विशेषज्ञ करे।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि फोगाट और पुनिया का चयन छूट नीति के अनुरूप नहीं था।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कोई विदेशी विशेषज्ञ नहीं है और पुनिया और फोगाट का चयन करने का फैसला मुख्य कोच की सिफारिश के बिना ही किया गया है।
फोगाट (53 किलोग्राम) और पुनिया (65 किलोग्राम) को मंगलवार को भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति द्वारा एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करनी होगी।
पंघाल और कलकल ने छूट को चुनौती दी है और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का अनुरोध किया है।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पुनिया वर्तमान में किर्गिस्तान के इसिक-कुल में प्रशिक्षण ले रहे हैं। 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली फोगाट हंगरी के बुडापेस्ट में प्रशिक्षण ले रही हैं।
ये दोनों सात महिला पहलवानों का कथित यौन उत्पीड़न करने के लिए डब्ल्यूआईएफ के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दिए गए धरने के मुख्य चेहरे थे।
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