अत्यंत प्राचीन एवं सिद्ध स्थान है मां अन्नपूर्णा देवी मंदिर
वृन्दावन।वन खंडी-प्रेम गली क्षेत्र स्थित मां अन्नपूर्णा देवी मंदिर में इन दिनों नव दिवसीय चैत्र नवरात्रि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।जिसमें प्रतिदिन तमाम भक्त-श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा देवी के दर्शन करके धन्य हो रहे हैं।वैदिक ब्राह्मणों द्वारा दुर्गा सप्तशती के पाठ व शतचंडी यज्ञ भी हो रहा है।दुर्गाष्टमी को मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।राम नवमी के दिन कन्या- लांगुरा भोज व उपहार वितरण आदि के कार्यक्रम होंगे।
मन्दिर के सेवायत पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ व पंडित श्रीगोपाल वशिष्ठ ने कहा है कि मां अन्नपूर्णा देवी मंदिर की स्थापना लगभग 150 वर्ष पूर्व हमारी गोलोकवासी दादी मां श्रीमती भगवती देवी ने की थी।वे अत्यंत भक्तिमती व धर्म परायण महिला थीं।उन्ही की प्रेरणा से यहां शिव परिवार की प्रतिष्ठा हुई।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पंडित देवेश वशिष्ठ ने कहा कि मां अन्नपूर्णा देवी मंदिर अत्यंत प्राचीन व सिद्ध स्थान है।यहां विराजित मां की प्रतिमा अत्यंत चमत्कारिक है।जिनके दर्शन व पूजन-अर्चन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।इसीलिए यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तों-श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
जिनमें सबसे अधिक संख्या पश्चिम बंगाल व बिहार आदि के भक्तों-श्रृद्धालुओं की होती है।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज, पंडित शिवशंकर वशिष्ठ, आशीष गोस्वामी, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, ईश्वरचंद्र रावत,आचार्य बद्रीश आदि की उपस्थिति विशेष रही।
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