अतुल सुभाष केस में निकिता के चाचा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत
बहुचर्चित अतुल सुभाष मोदी आत्महत्या प्रकरण में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया की सोमवार को अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी होने पर 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदार पेश करने पर रिहा किया जाए। वकील ने दलील पेश की उनकी उम्र अभी 69 वर्ष है।
प्रयागराज (आरएनआई) बहुचर्चित अतुल सुभाष मोदी आत्महत्या प्रकरण में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया की सोमवार को अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने अतुल सुभाष मोदी सुसाइड मामले में निकिता सिंघानिया और अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया है।
उनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी ने तर्क दिया कि याचीगण मृतक की पत्नी, सास और साले हैं। उन्हें बेंगलुरु पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है और उनकी अग्रिम जमानत अर्जी का कोई मतलब नहीं है। अग्रिम जमानत अर्जी केवल सुशील सिंघानिया के लिए है।
तर्क दिया गया कि गिरफ्तारी सुसाइड नोट और एक वीडियो के आधार पर की गई है, जो इंटरनेट पर वायरल है। सुशील सिंघानिया को मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है। वह 69 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति हैं, पुरानी बीमारी है। ऐसे में आत्महत्या के लिए उनकी तरफ से उकसाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
सुशील सिंघानिया को उचित समय के लिए सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। कोर्ट ने सुशील सिंघानिया की अग्रिम जमानत सशर्त मंजूर करते हुए कहा कि यदि उनको गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें 50 हजार रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र और दो जमानतदारों के प्रस्तुत होने पर मजिस्ट्रेट/अदालत द्वारा संतुष्ट होने पर रिहा कर दिया जाएगा।
मृत इंजीनियर अतुल सुभाष के भाई विकास ने मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन बेंगलुरु में 9 दिसंबर को एफआइआर दर्ज कराया था कि उसके भाई की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी। वह शाम को उससे बात किया था, बाद में उसके आत्महत्या की सूचना मिली। भाई से पैसे ऐंठने की आड़ में निकिता सिंघानिया, निशा, अनुराग व सुशील पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाए और अत्यधिक मानसिक को शारीरिक तनाव दिया।
निकिता और उसके परिवार के सदस्यों ने हमारे खिलाफ कई झूठे मुकदमे दर्ज कराए और मामलों को बंद करने के लिए आरोपित तीन करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। मेरे भाई को अपने बच्चों को देखने और उससे मिलने के लिए 30 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की जा रही थी।
अदालत के सुनवाई के दौरान भाई अतुल के बयानों का मजाक उड़ाकर उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया और कहा गया अतुल को उन्हें तीन करोड़ रुपये देना चाहिए या आत्महत्या कर लेना चाहिए। आत्महत्या करने से पहले भाई ने ऐसा कदम उठाने के अपने कारणों का उसने बताया है कि उसे चारों लोगों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था और जबरन वसूली की जा रही थी।
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