अगले तीन दिन देश में कई जगहों पर भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले दो से तीन पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से लेकर बहुत भारी बारिश की संभावना जताई और रेड, ऑरेंज व यलो अलर्ट जारी किए हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून झूम के बरस रहा है। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश से लेकर पूरब बिहार और पूर्वोत्तर में असम तक भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर है और बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है। असम के 35 में से 30 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 24.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में 150 और उत्तराखंड में 100 से अधिक सड़कें जगह-जगह मलबा आने से बंद हो गई हैं। बिहार में अलग-अलग स्थानों पर बज्रपात (बिजली गिरने) से 9 लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से लेकर बहुत भारी बारिश की संभावना जताई और रेड, ऑरेंज व यलो अलर्ट जारी किए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी मूसलाधार बारिश हुई। गुजरात, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा और दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी कहीं भारी तो कहीं बहुत अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान के बारन जिले के शाहाबाद में सर्वाधिक 195 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा, जयपुर, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, नागौर में भी भारी बारिश हुई है।
हिमाचल में मानसून की शुरुआत में ही भारी बारिश के चलते दुश्वारियां बढ़ गई हैं। कांगड़ा जिले के जवाली की देहर खड्ड में बकरियां चलाकर लौट रहे एक व्यक्ति की बहने से जान चली गई। सिरमौर जिले में चलती बस में पत्थर गिरने से दो लोग जख्मी हुए हैं। 20 यात्री बाल-बाल बचे। धर्मशाला में सबसे अधिक 214.6 एमएम वर्षा हुई है। कांगड़ा में आठ साल बाद एक दिन में 157 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। 154 ट्रांसफॉर्मर में खराबी आने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई और 26 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं। मौसम विभाग ने रविवार को भी हल्की बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।
असम में बाढ़ और बारिश से आम लोगों के साथ ही जंगली जीव जानवर भी प्रभावित हुए हैं। राज्य के 30 जिलों में जहां बाढ़ से 24.50 लाख से अधिक लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अब तक बारिश, बाढ़ और बज्रपात से 66 लोगों की जान भी जा चुकी है और तीन लोग लापता हैं। डिब्रूगढ़ जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है। 114 जंगली जानवरों की जान जा चुकी है, 95 अन्य जानवरों को बाढ़ के पानी से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सड़कों और पुलों समेत बुनियादी ढांचों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के सीएम हिमंत बिश्व सरमा से बात कर बाढ़ और बारिश के चलते पैदा हुए हालात की जानकारी ली। शाह ने असम में प्रभावित लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोदन बल (एसडीआरएफ) युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं, राहत प्रदान कर रहे हैं और पीड़ितों को बचा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाढ़ प्रभावित राज्य को सभी सहायता मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बिजली गिरने से नौ लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 24 घंटे में वज्रपात से जहानाबाद में 3, मधेपुरा में 2, पूर्वी चम्पारण में 1, रोहतास में 1, सारण में 1 एवं सुपौल में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। सीएम ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, पांच सदस्यीय केंद्रीय समिति ने राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात की और राज्य में बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान पर चर्चा की।
भारी बारिश के चलते कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में आंगनवाड़ी, स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। मछुआरों से भी समुद्र से दूर रहने को कहा गया है। बारिश के चलते समुद्र ने भी रौद्र रूप धर लिया और ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं।
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