अगले तीन घंटों में कमजोर पड़ेगा फेंगल, कई राज्यों में इसका असर, पुडुचेरी में अब तक की सबसे अधिक बरसात

करीब 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तटों से टकराने के बाद फेंगल की रफ्तार धीरे-धीरे कमजोर पड़ गई।  इसके प्रभाव से तमिलनाडु के साथ पुडुचेरी, कर्नाटक और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश शुरू हो गई है।

Dec 1, 2024 - 09:00
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अगले तीन घंटों में कमजोर पड़ेगा फेंगल, कई राज्यों में इसका असर, पुडुचेरी में अब तक की सबसे अधिक बरसात

पुडुचेरी (आरएनआई) बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान फेंगल पुडुचेरी के पास तट से टकराने के बाद अब शांत पड़ गया है। करीब 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तटों से टकराने के बाद फेंगल की रफ्तार धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इसे लेकर अहम जानकारी दी है। आईएमडी-क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अतिरिक्त महानिदेशक एस बालचंद्रन ने बताया कि फेंगल पुडुचेरी के पास स्थिर है और अगले तीन घंटों में धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा।

आईएमडी-क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अतिरिक्त महानिदेशक एस बालचंद्रन ने फेंगल के बारे अहम अपडेट दिया। उन्होंने बताया कि चक्रवात फेंगल ने शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे पुडुचेरी के पास दस्तक देनी शुरू की थी। इसके बाद लैंडफॉल की प्रक्रिया रात 10.30 से 11.30 बजे के  बीच पूरी हुई। अब यह स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसके धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर होकर उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी पर एक गहरे दबाव में तब्दील होने की संभावना है।

इसके प्रभाव से तमिलनाडु के साथ पुडुचेरी, कर्नाटक और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश शुरू हो गई है। इसके अलग-अलग क्षेत्रों में 3 दिसंबर तक जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा  जहां तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के मैलम में 30 नवंबर सुबह 8.30 बजे से रविवार सुबह 5.30 बजे के दौरान 50 सेमी बारिश दर्ज की गई, वहीं पुडुचेरी में 46 सेमी बारिश दर्ज की गई। यह पुडुचेरी में हुई सबसे अधिक बारिश थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले 31 अक्टूबर 2004 को केंद्र शासित प्रदेश में 21 सेमी बारिश हुई थी।

चेन्नई हवाई अड्डे पर परिचालन, जिसे रविवार को निलंबित कर दिया गया था, आधी रात को फिर से शुरू हो गया। हालांकि कई उड़ाने रद्द भी हो गईं वहीं कई ने देरी से उड़ान भरी। 
 
चक्रवाती तूफान के प्रभाव से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, चित्तूर, विशाखापट्टनम और तिरुपति सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां मूसलाधार बारिश हो रही है। 50-60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। एक दिसंबर तक बारिश होने की संभावना है। इसको देखते हुए पहले ही एक दिसंबर तक समुद्र तटों को खाली करने का निर्देश दिया गया था। कर्नाटक के उडुपी, चिक्कमगलुरु, चित्रदुर्ग समेत 16 जिलों में बारिश हो रही है। इन जिलों में 1 से 3 दिसंबर तक बिजली भी गिर सकती है।

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