अंबेडकर एवं मधुलिमय के विचार आज भी प्रासंगिक
एम्. के. मधुवाला
नयी दिल्ली, 9 अप्रैल 2023, (आरएनआई)। संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ.भीम राव अंबेडकर एवं समाजवादी नेता मधुलिमय के विचार आज भी प्रासंगिक है और नयी पीढ़ी को इससे अवगत कराने की जरुरत है।
यह बात दिल्ली साझा मंच की ओर से आज यहाँ गांधी शांति प्रतिष्ठान में "वर्त्तमान में अंबेडकर एवं मधुलिमय की प्रासंगिकता" विषय पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कही।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्याम रजक थे।आयोजक प्रसिद्ध दलित नेता संजय कनोजिया थे।प्रमुख वक्ताओं में प्रो.अजित झा,प्रो.राज कुमार जैन,प्रो.शशि शेखर सिंह, एवं प्रो.श्याम गंभीर शामिल थे।
वक्ताओं ने कहा कि समाजवाद की अवधारणा बदलती जा रही है।पहले समाजवादी संघर्ष के दौरान जेल जाने से नहीं डरते थे किंतु आज डर रहे हैं।यह बात ठीक नहीं है।उन्होंने यह भी कहा कि समाजवाद हमारे संविधान का मूल अंग है।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान दौर आपातकाल से भी भयावह है।समाज को एक अलग दिशा देने की निरंतर कोशिश की जा रही है,इसलिए समाजवादियों को इसका डटकर विरोध करना चाहिए।
श्री कनोजिया ने कहा कि देश के हर नौजवानों को समतामूलक समाज की स्थापना के लिए संघर्ष करना चाहिए।हम तभी विकसित राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसी पर दोषारोपण के बदले अपने आप को सशक्त करना चाहिये।एल.एस।
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