अंतरिम प्रधानमंत्री काकर बोले-सीमाओं पर स्थिति चिंताजनक
कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमाओं की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन इससे देश में आम चुनाव कराने में बाधा नहीं आएगी।
इस्लामाबाद। (आरएनआई) कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमाओं की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन इससे देश में आम चुनाव कराने में बाधा नहीं आएगी। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ईसीपी द्वारा चुनाव की तारीख की तत्काल घोषणा करने की विभिन्न तबकों में मांग बढ़ रही है।
पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पहले ही कहा है कि नौ अगस्त को नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद चुनाव संवैधानिक रूप से अनिवार्य नब्बे दिन की अवधि से आगे बढ़ा दिए जाएंगे। ईसीपी ने नई जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करने का फैसला किया, जिससे आम चुनावों में देरी हुई।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने चुनाव के लिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य समय सीमा का हवाला देते हुए ईसीपी को छह नवंबर तक आम चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया है। काकर ने पुष्टि की कि यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएंगे कि चुनाव प्रक्रिया बिना किसी व्यवधान के सुचारू रूप से आगे बढ़े। उन्होंने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
मुझे फिलहाल ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आती। हालांकि, हमारे पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर एक खतरनाक स्थिति है जिसमें सुरक्षा खतरे और आवश्यक प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाया जा रहा है। हमें भरोसा है कि हम स्थिति को नियंत्रित करेंगे और उसी समय चुनावी प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
पाकिस्तान पूर्व में भारत और पश्चिम में ईरान से घिरा हुआ है। काकर ने दोहराया कि अंतरिम व्यवस्था चुनाव के लिए वित्तीय संसाधन और सुरक्षा मुहैया कराने में ईसीपी की मदद करने के लिए तैयार है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कानूनी मामलों पर काकर ने इस धारणा का खंडन किया कि उन्हें राजनीति से दूर रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अदालत में विचाराधीन मामला है क्योंकि उनके खिलाफ आरोप हैं।
अगर यह धारणा (इमरान को राजनीति से बाहर करने के प्रयास के बारे में) आगे बढ़ रही है तो मुझे नहीं लगता कि यह सही है।' उन्होंने कहा,'मुझे उम्मीद है कि न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी होगी ताकि उनके (इमरान) समर्थक और अन्य पर्यवेक्षक देख सकें कि यह किसी को राजनीति से हटाने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि देश का कानून अपना काम कर रहा है।
What's Your Reaction?