अंतरिक्ष में अनूठे तरीके से मनाया गया नववर्ष का जश्न
पृथ्वी पर एक दिन में आमतौर पर 12 घंटे की रोशनी रहती है और 12 घंटे अंधेरा। लगभग 28,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते हुए अंतरिक्ष हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) जब पूरी दुनिया धूमधाम से नए साल का स्वागत कर रही थी, तब आंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों ने अनूठे तरीके से नए साल का जश्न मनाया। उन्होंने नए साल के मौके पर पृथ्वी पर 16 बार नए साल देखें। यह घटना अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर देखा गया जहां सात लोगों के एक दल ने 24 घंटों में 16 बार नए साल का अनुभव किया।
स्टेशन का कक्षा मार्ग पृथ्वी की 90 फीसदी से अधिक आबादी को कवर करता है। पृथ्वी पर एक दिन में आमतौर पर 12 घंटे की रोशनी रहती है और 12 घंटे अंधेरा। लगभग 28,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते हुए अंतरिक्ष हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है। ऐसे में अंतरिक्ष को 45 मिनट के दिन के उजाले से होकर 45 मिनट के अंधेरे का अनुभव करना पड़ता है। यह चक्र एक दिन में 16 बार चलता है, जिससे 16 बार अंतरिक्ष को दिन के उजाले से होकर रात के अंधेरे से गुजरना पड़ता है।
यह अंतरिक्ष स्टेशन 15 देशों के पांच अंतरिक्ष एजेंसियों के अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का परिणाम है। नासा के अनुसार साल 2000 से लगातार अंतरिक्ष स्टेशन पर कब्जा किया जा रहा है। इस अंतरिक्ष स्टेशन पर मुख्य रूप से सात लोग काम करते हैं, लेकिन जब क्रू हैंडओवर करते हैं तो वहां कई लोग मौजूद रहते हैं।
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