अंटार्कटिका में बढ़ा बर्ड फ्लू वायरस का खतरा
वैज्ञानिकों को डर है कि अभी पेंग्विंस का ब्रीडिंग का सीजन है। ऐसे में अगर पेंग्विन में बर्ड फ्लू फैला तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और यह आधुनिक समय की सबसे बड़ी पारिस्थितिकीय आपदा भी बन सकती है।
नई दिल्ली (आरएनआई) अंटार्कटिका क्षेत्र में स्थित साउथ जॉर्जिया द्वीप में एक किंग पेंग्विन की मौत हुई है। ऐसी आशंका है कि पेंग्विन की मौत बर्ड फ्लू वायरस से हुए संक्रमण से हुई है। अगर वायरस से मौत की पुष्टि होती है तो यह पहली बार होगा, जब किंग प्रजाति की पेंग्विन की बर्ड फ्लू से मौत हुई है। अंटार्कटिका के रिमोट इलाके में पेंग्विन की एच5एन1 (बर्ड फ्लू) वायरस से मौत की आशंका से वैज्ञानिकों ने गहरी चिंता जताई है।
अभी पेंग्विंस का ब्रीडिंग का सीजन है। ऐसे में अगर पेंग्विन में बर्ड फ्लू फैला तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और यह आधुनिक समय की सबसे बड़ी पारिस्थितिकीय आपदा भी बन सकती है। अंटार्कटिका दुनिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्र था, जहां अब से पहले बर्ड फ्लू का एच5एन1 वायरस नहीं पाया गया था और किंग पेंग्विन में भी इससे पहले कभी बर्ड फ्लू वायरस का संक्रमण नहीं देखा गया था। यही वजह है कि किंग पेंग्विन की बर्ड फ्लू से मौत की आशंका से वैज्ञानिक चिंतित हैं।
जिस पेंग्विन की संभावित बर्ड फ्लू वायरस से मौत हुई है, वह किंग प्रजाति की है, जो कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रजाति है पेंग्विंस की। 3 फीट लंबी ये पेंग्विन 20 साल से ज्यादा समय तक जीवित रह सकती हैं। किंग पेंग्विन से पहले जेनटु प्रजाति की पेंग्विन की बर्ड फ्लू वायरस से मौत हो चुकी है। पूर्व में दक्षिण अफ्रीका, चिली और अर्जेंटीना में पांच लाख से ज्यादा समुद्री पक्षी, जिनमें पेंग्विंस भी शामिल हैं, उनकी बर्ड फ्लू से मौत हो चुकी है। साफ है कि पेंग्विंस में बर्ड फ्लू का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है।
किंग प्रजाति की पेंग्विन में बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने का खतरा इतना बड़ा है कि इस शताब्दी के अंत तक किंग पेंग्विन के धरती से विलुप्त होने का खतरा है और अगर बर्ड फ्लू फैला तो यह खतरा बहुत बढ़ सकता है। इससे पहले अंटार्कटिका में एक पोलर भालू की भी बर्ड फ्लू एक एच5एन1 संक्रमण से मौत हो चुकी है।
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