मूडीज ने बीएए3 पर बरकरार रखी भारत की सॉवरेन रेटिंग
सभी तीन वैश्विक रेटिंग एजेंसियों फिच, एसएंडपी और मूडीज ने स्टेबल आउटलुक के साथ भारत पर सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग दी है। रेटिंग को निवेशकों द्वारा किसी देश की साख के बैरोमीटर के रूप में देखा जाता है।
नई दिल्ली। (आरएनआई) रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को भारत को लेकर खुशखबरी दी है। एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि घरेलू मांग के कारण कम से कम अगले दो साल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर अन्य सभी जी-20 अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ देगी। इसने भारत की सॉवरेन रेटिंग 'बीएए3' बरकरार रखी और कहा कि उच्च वृद्धि से आय के स्तर में क्रमिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा, जो आर्थिक मजबूती में और योगदान देगा। एक बयान में कहा गया, मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने आज भारत सरकार की दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग और स्थानीय मुद्रा असुरक्षित रेटिंग बीएए3 पर बरकरार रखा है। मूडीज ने भारत की अन्य अल्पकालिक स्थानीय मुद्रा रेटिंग भी पी-3 पर बरकरार रखा है। आउटलुक स्टेबल बना हुआ है। बीएए3 सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग है। सभी तीन वैश्विक रेटिंग एजेंसियों फिच, एसएंडपी और मूडीज ने स्टेबल आउटलुक के साथ भारत पर सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग दी है। रेटिंग को निवेशकों द्वारा किसी देश की साख के बैरोमीटर के रूप में देखा जाता है और उधार लेने की लागत को प्रभावित करता है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि पिछले 7-10 साल में संभावित वृद्धि में कमी आई है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तेजी से वृद्धि जारी रहने की संभावना है। मूडीज ने कहा, उच्च जीडीपी वृद्धि धीरे-धीरे बढ़ती आय के स्तर और समग्र आर्थिक लचीलापन में योगदान देगी। बदले में, यह क्रमिक राजकोषीय समेकन और सरकारी ऋण स्थिरीकरण का समर्थन करेगा, लेकिन उच्च स्तर पर। इसके अलावा, वित्तीय क्षेत्र लगातार मजबूत हो रहा है, जिससे आर्थिक और आकस्मिक देयता जोखिमों को कम किया जा रहा है। देश में राजनीति से जुड़े मुद्दे आगे अपना असर डाल सकते हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता से ऐसी नीतियों को बढ़ावा दिया जा सकता है जो लोकलुभावन हों। देश के कुछ हिस्सों में हिंसा, लोगों की आय में अंतर, गरीबी और यहां तक की सीमाओं पर होने वाले तनावों से जुड़े जोखिम भी आगे बने हुए हैं।
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